सी.बी.एस.सी स्कूल कोर्सेज से संघवाद, धर्मनिरपेक्षता के साथ अन्य कई विषय हटाए गए

0
434
सी.बी.एस.सी स्कूल कोर्सेज से संघवाद , धर्मनिरपेक्षता के साथ अन्य कई विषय हटाए गए
सी.बी.एस.सी ने ज़रूरी विषय जैसे संघवाद(federalism),  नागरिकता(citizenship), और धर्मनिरपेक्षता(secularism) बच्चों की पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए राजनीति विज्ञान के सिलेबस से इस साल हटा लिए गए हैं। कोरोना वायरस महामारी की वजह से मंगलवार को सी.बी.एस.सी ने कहा था कि 2020-21 के सिलेबस में एक तिहाई कटौती होगी। कक्षा नवीं से बारहवीं के अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के विषयों को देखा गया है।
कक्षा ग्यारहवीं के राजनीति विज्ञान के सिलेबस पर से ‘संघवाद’ , ‘नागरिकता’, ‘राष्ट्रवाद’ , और ‘धर्मनिरपेक्षता’ चेपटर काट दिए गए हैं। दो विषय ‘स्थानिय सरकार क्यों ज़रूरी है’और  ‘भारत में स्थानीय सरकार का विकास’  स्थानीय सरकार चेपटर में से काटे गए हैं।
कक्षा बारहवीं के राजनीति विज्ञान के सिलेबस से ‘समकालीन विश्व में सुरक्षा’,  ‘पर्यावरण और कुदरती साधन’,  ‘सामाजिक और भारतीय नये सामाजिक आंदोलन’ तथा ‘क्षेत्रीय अकांक्षाए’ चेपटर पूरी तरह हटाए गए हैं। चेपटर ‘नियोजित विकास’ में से ‘भारतीय अर्थशास्त्र विकास का बदलता स्वभाव’ तथा ‘योजना आयोग और पांच साल योजनाएँ’ भी हटाए गए हैं। विषय ‘ पड़ौसी देश पाकिस्तान,  बांग्लादेश, नेपाल, श्री लंका और मयनमार के साथ भारत के संबंध’ चेपटर भारतीय विदेश योजना में से काटा गया है।
कक्षा नवीं के सिलेबस में से चेपटर ‘भारतीय विकास की संरचना’,  ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ हटाए गए हैं और चेपटर ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा’ पूरी तरह से हटा दिया गया है।
कक्षा दसवीं के सिलेबस पर से चेपटर ‘लोकतंत्र और विविधता’ , ‘जाति, धर्म और लिंग’ तथा ‘लोकतंत्र की चुनौती’ हटा दिए गए हैं।
इस बदलाव के कारण गुस्से  और विरोध को देखते हुए सी.बी.एस.सी ने कहा है  “कक्षा नवीं से बारहवीं के सिलेबस के युक्तिकरण को अलग नज़रिए से देखा जा रहा है और यह एक ही बार की बात है ताकि इस आपातकालीन स्थिति में बच्चों में तनाव कम हो सके।”
ममता बैनर्जी ने कहा कि “हैरानी है कि इस महामारी के समय में सिलेबस कम करने के नाम पर इतने ज़रूरी विषय ‘नागरिकता’, ‘संघवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘विभाजन’ हटाए गए हैं।”
दिल्ली यूनीवर्सिटी के प्रफेसर राजेश झा ने कहा कि”दुर्भाग्य से शिक्षा में राजनीतिक विचार लाए जा रहे हैं। यह सिर्फ शिक्षा की उत्तमता पर असर करेगा। ‘स्वतंत्रता’,  ‘कठोरता’, ‘सामाजिक न्याय’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ कांसेप्ट आपस में जुड़े हुए हैं। एक के बगैर दूसरा कैसे पढ़ाया जा सकता है? “

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.